नई दिल्ली। देशभर की अलग-अलग जेलों में पाकिस्तान के कई कैदी बंद हैं. जो कई सालों से अपनी सजा काट रहे हैं, कई कैदियों का केस कोर्ट में चल रहा है तो कई कैदियों को सजा सुनाई जा चुकी है। इन्हीं कैदियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया है।
जस्टिस एम एम सुन्दरेश की बेंच ने कहा कि इस मामले पर एक याचिका 2005 से ही पेंडिंग है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। ऐसे में कोर्ट इस नई याचिका पर सुनवाई करने को इच्छुक नहीं है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल पंजाब के फगवाड़ा के वकील नितिन मिट्टू की ओर से याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था विदेश मंत्रालय के पिछले साल उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक भारतीय जेलों में बंद 337 पाकिस्तानी कैदियों में से 103 कैदी ऐसे है। जिनकी सजा पूरी हो चुकी है या बरी हो चुके है लेकिन अभी भी वो भारतीय जेलों में बंद है।
याचिका में अपनी सजा पूरी कर चुके 103 पाकिस्तानी कैदियों की रिहाई के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग करते हुए याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई से कोर्ट ने इंकार कर दिया है। सजा पूरी कर चुके कैदियों की रिहाई को लेकर सुनवाई की मांग की गई थी, जिस पर कोर्ट ने इंकार कर दिया है।
भारत की जेल में बंद हैं कई कैदी
भारत की जेल में पाकिस्तान के कई कैदी बंद हैं। जो अलग-अलग मामलों में सजा काट रहे हैं। कई कैदी हत्या तो कई आतंकी घटनाओं में शामिल पाए गए थे। इसके अलावा कुछ घुसपैठ की कोशिश के दौरान गिरफ्तार किए गए थे। जो आज भी जेलों में बंद हैं। इसके अलावा सैकड़ों ऐसे भारतीय कैदी भी हैं जो पाकिस्तान में बिना किसी सजा या गुनाह के जेल में बंद हैं। उनके साथ वहां थर्ड डिग्री टॉर्चर किया जा रहा है।
भारतीय जेलों में बंद पाकिस्तानियों की रिहाई को लेकर दायर की गई याचिका, सुप्रीम कोर्ट ने दिया ऐसा जवाब
