यरुशलम, एजेंसी। खाड़ी क्षेत्र में इजराइल और हमास के बीच लंबे समय से चली आ रही जंग अब थमने की कगार पर पहुंच गई है. दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से अटके संघर्ष विराम पर समझौता हो चुका है। दोनों पक्ष इस समझौते को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं, जिसमें फिलिस्तीनी कैदियों के बदले इजरायली बंधकों की अदला-बदली और पहले चरण में गाजा से इजरायली सैनिकों की वापसी की पहल शामिल है। हालांकि 15 महीने चली जंग में दोनों पक्षों को जान-माल का भारी नुकसान हुआ है।
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आज शुक्रवार को कहा कि गाजा पट्टी में बंधकों को वापस करने के लिए समझौता हो गया है, जबकि उनकी ऑफिस की ओर से कुछ घंटे पहले यह कहा गया था कि हमास के आखिरी समय में कुछ अहम शर्तों से पीछे हटने की वजह से संघर्ष विराम समझौता लटक गया है।
7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद जंग
हमास की ओर से 7 अक्टूबर 2023 को अप्रत्याशित रूप से इजराइल पर हमला करने के बाद से इस जंग ने विकराल रूप ले लिया था। हमास के इस हमले में करीब 1,200 लोग मारे गए जबकि 250 अन्य लोगों को बंधक बना लिया गया था। इसके बाद इजराइल ने ताबड़तोड़ जवाबी हमले किए, जिसमें फलस्तीन को खासा नुकसान का सामना करना पड़ा। फलस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार इजराइल की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में अब तक 46,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए, जबकि गाजा की अनुमानित 90 फीसदी आबादी को विस्थापित होना पड़ा। यही नहीं क्षेत्र में गंभीर मानवीय संकट भी पैदा हो गया।
तब से लेकर अब तक भारी खून बहा
इजराइल और हमास के बीच छिड़ी जंग में दोनों क्षेत्रों में जमकर खून बहा। 7 अक्टूबर 2023 से लेकर 15 जनवरी 2025 तक इजराइल में 1,139 लोगों की जान गई जबकि 8,730 लोग घायल हुए। इसके उलट इजराइल की जवाबी कार्रवाई में गाजा क्षेत्र में भीषण तबाही देखी गई। इजराइल ने वैश्विक स्तर पर आलोचनाओं के बीच अपने हमले नहीं रोके और भारी संख्या में लोगों की मौत हो गई। गाजा पट्टी में फलस्तीनी की ओर से 46,707 लोगों की जानें गईं, जबकि 110,265 लोग घायल हुए। मरने वालों में आधे से अधिक संख्या महिलाएं और बच्चों की हैं। इजराइल की ओर से किए गए ताबड़तोड़ सैन्य अभियान ने गाजा के विशाल क्षेत्रों को समतल कर दिया। क्षेत्र में ज्यादातर इमारतों को जमीदोंज कर दिया गया है। गाजा की करीब 23 लाख की आबादी में से 90% को उनके घरों से खदेड़ दिया। अपने घरों से दूर तट पर गंदे तंबू शिविरों में हजारों लोग भूख और बीमारी से जूझ रहे हैं। इस बीच पिछले साल नवंबर में एक हफ्ते के लिए दोनों पक्षों के बीच संघर्ष-विराम हुआ था। इस दौरान गाजा से 100 से अधिक बंधकों को रिहा किया गया था।
एक-दूसरे के बंधकों को रिहा करेंगे
गाजा पट्टी पर नए घटनाक्रम के बाद इजराइली पीएम नेतन्याहू ने कहा कि वह आज शुक्रवार को अपने सुरक्षा मंत्रिमंडल की बैठक बुलाएंगे और फिर सरकार लंबे समय से प्रतीक्षित बंधक समझौते को लेकर अपनी मंजूरी देगी। नेतन्याहू के इस बयान से यह साफ हो गया है कि इस समझौते को इजरायल की ओर से मंजूरी मिल जाएगी। इस समझौते के तहत गाजा पट्टी में जंग भी रुक जाएगी और गाजा में आतंकवादियों की ओर से बंधक बनाए गए दर्जनों बंधकों को रिहा किया जाएगा। दोनों पक्ष एक दूसरे के बंधकों को रिहा करेंगे। इस समझौते के बाद हजारों की संख्या में विस्थापित फिलिस्तीनियों को गाजा क्षेत्र में अपने घरों में लौटने का भी मौका मिलेगा।
समझौते के बीच हमले भी तेज
हालांकि गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कल गुरुवार को यह दावा किया गया कि युद्ध विराम समझौते की घोषणा के बाद से इजराइली हमलों में कम से कम 72 लोगों की जान चली गई। कहा जा रहा है कि संघर्ष विराम लागू होने से पहले दोनों पक्षों ने अपनी सैन्य कार्रवाई तेज कर दी है। मंत्रालय का कहना है कि इन के हमलों के बाद के इन आंकड़ों में सिर्फ गाजा शहर के 2 अस्पतालों में लाए गए शवों की संख्या ही शामिल है, जबकि वास्तविक इससे भी कहीं ज्यादा हो सकती है।
पीएम नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने गाजा पट्टी से लौटने वाले बंधकों को लेने के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स को तैयार रहने का निर्देश दिया है, और उनके परिवारों को सूचित किया गया है कि हमास के साथ समझौता हो गया है। दोनों पक्षों के बीच समझौते के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और कतर प्रमुख मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं।