नई दिल्ली, एजेंसी। पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तेजी से बढ़ता जा रहा है, ऐसे में दोनों देशों की इकोनॉमी को लेकर चर्चा भी जोरों पर है। एक ओर जहां पर IMF और विश्व बैंक ने पाकिस्तान को झटका दिया है और उनकी अर्थव्यवस्था में गिरावट का अनुमान लगाया है तो दूसरी ओर भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में कटौती भी की गई है।
लेकिन इन सब के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि ग्लोबल टेंशन के बाद भी देश की अर्थव्यवस्था सही रफ्तार में चलेगी। घरेलू खपत और निवेश के कारण भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है और 6.5 फीसदी की ग्रोथ रेट से इकॉनोमी आगे बढ़ेगी।
6.5 फीसदी की ग्रोथ रेट से इकॉनोमी आगे बढ़ेगी
वित्त मंत्री ने ये दावा ऐसे समय पर किया है जब अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की तरफ से भारत के ग्रोथ रेट में कमी आने का अनुमान लगाया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि क्रूड ऑयल की कीमत में गिरावट के कारण फाइनेंशियल ईयर 2026 में भारत के अंदर इंफ्लेशन करीब 4 प्रतिशत तक रहने की उम्मीद है।
उन्होंने आगे कहा कि बाहरी मोर्चे पर भी सेवाओं के निर्यात में मजबूती बरकरार रहने की उम्मीद है, इसके साथ ही क्रूड ऑयल में नरमी से इन्फ्लेशन के लिहाज से अच्छा है। इसमें गौर करने वाली बात यह कि इकोनॉमिक सर्वे के दौरान अनुमान में यह बताया गया है कि फाइनेंशियल ईयर 2026 में भारत की GDP 6.3 प्रतिशत से लेकर 6.8 प्रतिशत के बीच रह सकती है।
वर्ल्ड बैंक ने 6.3 फीसदी कर दिया था
हालांकि आईएमएफ ने पिछले हफ्ते अपने अनुमान में वैश्विक अनिश्चितताओं और आर्थिक कमजोरी के कारण फाइनेंशियल ईयर 2025 में भारत के बढ़ोतरी दर को 30 बेसिस प्वाइंट कम करके 6.2 फीसदी कर दिया था। जबकि वर्ल्ड बैंक ने भी भारत में अपने बढ़ोतरी के अनुमान को 40 बेसिस प्वाइंट कम करते हुए 6.3 फीसदी कर दिया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि करंट फाइनेंशियल ईयर के दौरान व्यापार घाटे की कुछ हद तक आंशिक भरपाई हो जाएगी। इतना ही नहीं फाइनेंशियल ईयर 2024-25 और 2025-26 के लिए चालू खाते का घाटा स्तर के दायरे में रहने का अनुमान है। एफडीआई अप्रैल से जनवरी 2024-25 के दौरान रहने की उम्मीद है। जिसके कारण भारत की मजबूत मैक्रो इकोनॉमी के बुनियादी बातों का पता चलता है।