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22 May 2025, Thu

क्या वोडाफोन आइडिया और बीएसएनएल का होने वाला मर्जर? आ गया सरकार का जवाब

मौजूदा समय में वो​डाफोन आइडिया में सरकार की 49 फीसदी हिस्सेदारी है। अब सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा हो गया है कि क्या डाफोन आइडिया और देश की सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल का मर्जर होने वाला है? ये सवाल यूं ही नहीं खड़ा हो रहा है। जहां सरकार बीएसएनएल को एक बार फिर से रिवाइव कर रही है। वहीं दूसरी ओर वोडाफोन आइडिया एक बार फिर से खड़ा होने की कोशिश में जुटी है और सरकार से लगातार रियायत दे रही है। अपने कर्ज को कम करने के लिए कंपनी ने सरकार को इक्विटी दी है। ऐसा कंपनी दो बार कर चुकी है। ऐसे में सरकार के पास वीआई की 49 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी हो चुकी है। टेलीकॉम सेक्टर के गलियारों में ये आवाज लगातार गूंज रही है कि दोनों कंपनियों का मर्जर हो सकती है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इस मामलें सरकार की ओर से क्या जवाब आया है।
क्या ऐसी है कोई प्लानिंग
ईटी को दिए एक इंटरव्यू में टेलीकॉम मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया से सवाल किया गया कि क्या बीएसएनएल और वीआई का मर्जर करने की कोई प्लानिंग चल रही है। इस पर उन्होंने नहीं में जवाब दिया। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ऐसी कोई प्लानिंग नहीं है। अगर ऐसी कोई खबर सामने आ रही है तो गलत है। सरकार बीएसएनएल और वीआई को मर्ज नहीं करने जा रही है। इससे पहले उन्होंने इस सवाल का भी जवाब कि क्या सरकार वीआई में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाएगी या नहीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जवाब देते हुए कहा कि अब ऐसा नहीं होगा। वोडाफोन आइडिया में सरकार अब कोई हिस्सेदारी नहीं बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार के पास पहले से ही वीआई में 49 फीसदी हिस्सेदारी है। अगर हिस्सेदारी में इजाफा होगाा तो वीआई एक सरकारी कंपनी बन जाएगी।
एजीआर बकाए पर क्या बोले सिंधिया?
Vi का एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू बैलेंस और स्पेक्ट्रम बकाया अभी भी काफी ज्यादा है, और जल्द ही रीपेंमेंट करना होगा। इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जवाब देते हुए कहा कि यह ऐसी चीज है जिससे कंपनी को निपटना होगा। इक्विटी के राहत प्रस्ताव का उपयोग किया गया था, और मैंने 49 फीसदी तक परिवर्तित कर दिया है, अन्यथा आप एक PSU बन जाते हैं। जो सरकार को देना है, वह सरकार को देना है, खिलाड़ियों का यह दायित्व है कि वे सरकार को वह राशि दें। मतलब साफ है कि सरकार अब कंपनी में कोई स्टेक बढ़ाने के मूड में नहीं है। कंपनी को बकाया राशि चुकानी ही होगी।

By Prabhat Pandey

प्रभात पांडेय आर्यावर्तक्रांति दैनिक हिंदी समाचार और दिशा एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक हैं। निष्पक्ष पत्रकारिता, सामाजिक सेवा, शिक्षा और कल्याण के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने वाले प्रभात पांडेय प्रेरणा और सकारात्मकता के प्रतीक हैं।

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