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30 Jan 2025, Thu

वक्फ समिति की सिफारिशें और संशोधित विधेयक स्वीकार होने के बाद वार-पलटवार, सरकार-विपक्ष में फिर ठनी

नई दिल्ली, एजेंसी। वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति की मसौदा रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को बुधवार को हुई बैठक में स्वीकार कर लिया गया। इससे पहले समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने जेपीसी की आखिरी बैठक की अध्यक्षता की। अब कई विपक्षी सांसद समिति की सिफारिशों के खिलाफ अपनी असहमति का नोट देने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए उनके पास थोड़ा समय ही बचा है।
दरअसल, वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू की ओर से लोकसभा में पेश किए जाने के बाद 8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था। विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को विनियमित और प्रबंधित करने से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है। इस बीच समिति के सदस्यों के बीच तनातनी देखने मिली। जहां एक तरफ सरकार ने इसे सफलता बताया तो वहीं विपक्ष ने कहा कि उनकी बातें नहीं सुनी गई।
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर हुई जेपीसी की बैठक पर भाजपा सांसद डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘वक्फ बोर्ड विधेयक पर रिपोर्ट को 14 के मुकाबले 11 मतों से स्वीकार किया गया है। कई पार्टियों ने अपनी असहमति नोट पेश किए। रिपोर्ट कल स्पीकर के समक्ष पेश किया जाएगा। सरकार के काम का विरोध करना विपक्ष का काम है। ऐसा करना उनके डीएनए में है।’
विधेयक के विरोध में क्या बोले सांसद
असदुद्दीन ओवैसी
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर हुई जेपीसी की बैठक पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘हमें कल रात 655 पन्नों की रिपोर्ट मिली। रात भर 655 पन्नों की रिपोर्ट पढ़ना असंभव है। मैंने उन संशोधनों के खिलाफ असहमति रिपोर्ट दी है जो वक्फ बोर्ड के पक्ष में नहीं है। मैं संसद में भी इस विधेयक का विरोध करूंगा। सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर हुसैन को चुनाव प्रचार करने की अनुमति दे दी है। मुझे विश्वास है कि मुस्तफाबाद के लोग उनका समर्थन करेंगे और वे क्षेत्र का विकास करेंगे।’
डॉ. सैयद नासिर हुसैन
कांग्रेस सांसद डॉ. सैयद नासिर हुसैन ने कहा, कई विरोध और सुझाव दिए गए थे, जिसे इस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है। सरकार ने अपने हिसाब से रिपोर्ट बनाई है। असंवैधानिक संशोधन लाए गए हैं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को नुकसान पहुंचाया गया है। यह संशोधन अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुस्लिम समुदाय को अलग करने के लिए लाया गया है।”

डॉ. मोहम्मद जावेद
कांग्रेस सांसद डॉ. मोहम्मद जावेद ने कहा, “जब एक निर्वाचित नेता खुद को शासक समझने लगता है तो वह अपने अहंकार में ऐसे फैसले लेने लगता है।”

अरविंद सावंत
शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने कहा, “हमने असहमति नोट दिए हैं, क्योंकि उन्होंने ऐसे संशोधन किए हैं जो संविधान के खिलाफ है। सभी विपक्षी दल असहमति नोट द रहे हैं।”

ए. राजा
द्रमुक सांसद ए. राजा ने कहा, “मसौदा रिपोर्ट को बहुत जल्दबाजी में अपनाया गया है। कल रात करीब 9:50 बजे हमें मसौदा रिपोर्ट मिला। चेयरमैन यह कैसे सोच सकते हैं कि रातोरात हम असहमति नोट जमा कर देंगे।”

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