लेटेस्ट न्यूज़
26 Apr 2025, Sat

किम जोंग की अलग सनक, हवा के बाद पानी में बना रहा अमेरिका की नींद उड़ाने वाला हथियार

सोल। उत्तर कोरिया आए दिन अपने मिसाइल परीक्षणों के लिए सुर्खियों में रहता है। अमेरिका के प्रतिबंधों और चेतावनियों के बावजूद किम जोंग अपनी सेना की ताकत लगातार बढ़ा रहे हैं। नई सैटेलाइट तस्वीरों में कुछ ऐसा खुलासा हुआ है, जिसने दक्षिण कोरिया के साथ-साथ अमेरिका की भी नींद उड़ा दी है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि उत्तर कोरिया एक बड़ा समुद्री युद्धपोत बना रहा है।
खबरों के मुताबिक यह उत्तर कोरिया का अब तक का सबसे बड़ा युद्धपोत हो सकता है। संभवत यह नेता किम जोंग उन के नौसैनिक बेड़े में शामिल किसी भी युद्धपोत के आकार का दोगुना से भी अधिक है।
निजी सैटेलाइट प्रोवाइडर मैक्सार टेक्नोलॉजीज और प्लैनेट लैब्स द्वारा 6 अप्रैल को ली गई तस्वीरों में उत्तर कोरिया के पश्चिमी तट पर स्थित नम्पो शिपयार्ड में निर्माणाधीन जहाज को दिखाया गया है, जो राजधानी प्योंगयांग से लगभग 60 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में है। जिसके बाद समझा जा सकता है उत्तर कोरिया अपनी हवाई क्षमता के साथ-साथ समुद्र क्षमता भी बढ़ा रहा है।
विश्लेषकों का कहना है कि तस्वीरें जहाज के हथियारों और दूसरे आंतरिक प्रणालियों के निर्माण को दिखाती हैं, जो एक निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट (FFG) है। जिसे जमीन और समुद्र पर लक्ष्यों के खिलाफ लॉन्च ट्यूबों में मिसाइलों को ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
CNN की खबर के मुताबिक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में जोसेफ बरमूडेज़ जूनियर और जेनिफर जून ने अपने विश्लेषण में कहा है, “FFG लगभग 140 मीटर (459 फीट) लंबा है, जो इसे उत्तर कोरिया में निर्मित सबसे बड़ा युद्धपोत बनाता है।” उन्होंने इसकी अमेरिकी नेवी से तुलना करते हुए कहा कि अमेरिका का आर्ले बर्क-क्लास विध्वंसक लगभग 505 फीट लंबे हैं और इसके निर्माणाधीन नक्षत्र-श्रेणी के फ्रिगेट 496 फीट लंबे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इतना बड़ा युद्धपोत कोई आश्चर्य की बात नहीं है।
प्रतिबंधों का बाद भी जारी सेना का आधुनिकीकरण
किम जोंग अपनी सेना का तेजी से आधुनिकीकरण कर रहे है, वह देश की सेना के लिए नए हथियारों की एक श्रृंखला विकसित कर रहे हैं और अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण कर रहे हैं, जो अमेरिका में लगभग कहीं भी पहुंच सकते हैं। यह सब संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के बावजूद किया गया है, जिसने उन हथियारों को विकसित करने के लिए सामग्री और प्रौद्योगिकी तक इसकी पहुंच पर सख्त सीमाएं लगाई हैं। लेकिन जानकारों का कहना है कि यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से रूस के साथ रिश्ते गहरे कर उत्तर कोरिया को उन प्रतिबंधों से उबरने में मदद मिली है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *