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19 Apr 2025, Sat

वक्फ कानून पर मोदी सरकार को मिला 7 दिन का वक्त, सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी तरह की नियुक्ति पर लगाई रोक

नई दिल्ली। वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई। इससे पहले बुधवार को भी इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान केंद्र सरकार और मुस्लिम पक्ष ने अपनी-अपनी दलीले दी थी। वहीं गुरुवार को केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कुछ दस्तावेज पेश करने के लिए अदालत से एक सप्ताह का समय मांगा है। वहीं अब अगली सुनवाई 5 मई को होगी।
SC ने दिया सात दिन का समय
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया है। हालांकि तब तक वक्फ बोर्ड यूजर से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी और बोर्ड में किसी भी तरह की नियुक्ति नहीं होगी। SC ने कहा कि याचिकाकर्ता केंद्र के जवाब पर 5 दिन में प्रत्युत्तर दाखिल कर सकते हैं। जिसके बाद वह मामले को अंतरिम आदेश के लिए सूचीबद्ध कर देगा।
5 याचिकाओं पर ही सुनवाई करेगा SC
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 70 से अधिक याचिकाओं की जगह सिर्फ 5 याचिकाएं ही दायर की जाए। उन्हीं पर सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता मुख्य बिंदुओं पर अपनी सहमति बनाएं। न्यायालय ने 1995 और 2013 के पहले के वक्फ कानूनों को चुनौती देने वाले हिंदू पक्षों द्वारा दायर मामलों को भी अलग कर दिया।
SC ने नहीं लगाई रोक- एडवोकेट बरुण कुमार
एडवोकेट बरुण कुमार सिन्हा ने कहा SC ने रोक नहीं लगाई है। भारत के सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि नए संशोधन अधिनियम के तहत परिषद या बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में लिखा है कि सरकार अगली तारीख तक उन संपत्तियों (वक्फ-बाय-यूजर) को डी-नोटिफाई नहीं करेगी जो रजिस्टर्ड और गजटेड हैं।
अन्य संपत्तियों पर कार्रवाई करने के लिए सरकार स्वतंत्र
उन्होंने कहा कि सरकार अन्य संपत्तियों पर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। केंद्र ने कोर्ट से कहा कि आप संसद द्वारा पारित कानून पर रोक नहीं लगा सकते और केंद्र रोजाना सुनवाई के लिए तैयार है। इस मुद्दे को 5 मई के लिए सूचीबद्ध किया गया है, और उसी दिन सुनवाई शुरू होगी।

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