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22 May 2025, Thu

धोखा हुआ तो नहीं मिलेगी कानूनी सुरक्षा, निवेशकों को इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स से दूर रहने की चेतावनी

नई दिल्ली, एजेंसी। आज के समय में मोबाईल पर कई ऐसे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स चल रहे है जो लोगों को लाखों-करोड़ों कमाने का मौका दे रहे है। जिसको लेकर निवेशकों के लिए चेतावनी जारी की गई है। यानि ऐसे प्लेटफार्म्स सरेआम सट्टा खेलने का मंच दे रहे हैं। इन्हें ‘ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म’ का नाम दिया गया है।
सोशल मीडिया पर कई ऐप्स और वेबसाइट्स तेजी से पॉपुलर हुई हैं, जहां लोग अपनी राय देने के बदले पैसा जीत या हार रहे हैं। अगर आप भी ऐसे ही किसी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं तो सावधान हो जाए। क्योंकि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने इन प्लेटफॉर्म्स को लेकर बड़ी चेतावनी जारी की है। ये प्लेटफॉर्म कैसे काम करते हैं? सेबी ने इन्हें लेकर चेतावनी क्यों दी है? सेबी ने पैसा लगाने वालों को ‘ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स’ से सावधान रहने की सलाह दी है। ये प्लेटफॉर्म्स ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग (सट्टेबाजी) मार्केट का एक नया ट्रेंड बनकर उभरे हैं, जहां यूजर्स को असल जीवन की घटनाओं (जैसे चुनाव, मैच या क्रिप्टोकरेंसी की कीमत) के नतीजों पर दांव लगाकर पैसा कमाने का लालच दिया जाता है। कुछ देशों में ऐसे प्लेटफॉर्म को रेगुलेट किया जाता है, लेकिन भारत में अब तक ये किन्हीं नियमों के दायरे में नहीं आते।
स्श्वक्चढ्ढ ने स्पष्ट किया है कि ओपिनियन ट्रेडिंग उसके नियमों के दायरे में नहीं आती, क्योंकि इसमें कोई प्रतिभूति (सिक्योरिटी) ट्रेड नहीं होती। हालांकि, अगर किसी प्लेटफॉर्म पर सिक्योरिटीज की ट्रेडिंग होती है, तो वह गैरकानूनी है, क्योंकि ये प्लेटफॉर्म्स स्श्वक्चढ्ढ के रजिस्टर्ड स्टॉक एक्सचेंज नहीं हैं। स्श्वक्चढ्ढ ने निवेशकों को चेतावनी दी है कि ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर पैसा लगाने से उन्हें कोई कानूनी सुरक्षा नहीं मिलेगी। साथ ही, अगर कोई प्लेटफॉर्म नियम तोड़ता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
एक अखबार में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक इस इंडस्ट्री ने अब तक 4,200 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश प्राप्त किया है। निवेश करने वालों में सिकोइया कैपिटल, एलिवेशन कैपिटल, एक्सेल पार्टनर्स जैसे बड़े-बड़े नाम शामिल हैं। अनुमानों के मुताबिक, इन प्लेटफॉर्म्स पर हर साल 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का ट्रांजैक्शन होता है और इनके यूजर्स की संख्या 5 करोड़ से भी ज्यादा है। ये प्लेटफॉर्म यूजर्स को एक ऐसा मंच देते हैं, जहां वे किसी घटना के होने या न होने पर दांव लगा सकते हैं. पेआउट इस बात पर निर्भर करता है कि उनकी भविष्यवाणी सही हुई या नहीं। कुछ प्लेटफॉर्म्स खुद को निवेश प्लेटफॉर्म की तरह पेश करते हैं और शेयर मार्केट से जुड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि ‘प्रॉफिट’, ‘स्टॉप लॉस’, ‘ट्रेडिंग’। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में गुरुग्राम स्थित क्कह्म्शड्ढश और रूक्करु ह्रश्चद्बठ्ठद्बश जैसी कंपनियां इस सेक्टर में सक्रिय हैं। क्कह्म्शड्ढश स्पोर्ट्स, चुनाव और क्रिप्टोकरेंसी जैसे विषयों पर सवाल पूछता है, जबकि रूक्करु ह्रश्चद्बठ्ठद्बश सिर्फ क्रिकेट मैचों से जुड़े प्रश्नों पर दांव लगवाता है। यूजर्स ‘हां’ या ‘नहीं’ में दांव लगाते हैं. अगर उनकी भविष्यवाणी सही होती है, तो वे पैसा जीतते हैं, गलत होने पर हार जाते हैं। इसी तरह, क्रिकेट मैचों में क्या कोई बल्लेबाज 40 रन बनाएगा? या क्या बिटकॉइन 50,000 डॉलर को छूएगा? जैसे सवालों पर भी दांव लगाए जा सकते हैं।

By Prabhat Pandey

प्रभात पांडेय आर्यावर्तक्रांति दैनिक हिंदी समाचार और दिशा एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक हैं। निष्पक्ष पत्रकारिता, सामाजिक सेवा, शिक्षा और कल्याण के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने वाले प्रभात पांडेय प्रेरणा और सकारात्मकता के प्रतीक हैं।

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