उप्र के डा. सूर्यकान्त एक्सपर्ट कमेटी के बने सदस्य
लखनऊ। स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार ने सांस रोगों के लिए तकनीकी एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। इस समिति में क्रोनिक श्वसन रोगों (सीओपीडी और अस्थमा) से संबंधित विशिष्ट तकनीकी मुद्दों पर विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) के अध्यक्ष डॉ. अतुल गोयल की अध्यक्षता में इस एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में तीन सदस्य स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के हैं तथा 11 सदस्य भारत के प्रसिद्ध एक्सपर्ट शमिल हैं। उत्तर प्रदेश के सुप्रसिद्ध टीबी एवं श्वसन रोग विशेशज्ञ डा. सूर्यकान्त को इस श्वसन रोगों की एक्सपर्ट कमेटी का सदस्य बनाया गया है। हाल ही में डा. सूर्यकान्त को इंडियन काउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट सलेक्शन कमेटी का चैयरमेन भी बनाया गया है। इससे पहले भी वह 25 से अधिक राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय चिकित्सकीय कमेटियों में शमिल होकर अपना योगदान दे रहे हैं।
हाल ही में एक बार फिर डॉ. सूर्यकान्त को 2024 में विश्व के सर्वोच्च दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की श्रेणी में भी स्थान प्राप्त हो चुका है। वह रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में विगत 25 वर्षों से चिकित्सा शिक्षक, 19 वर्षों से प्रोफेसर व 13 वर्षों से विभागाध्यक्ष के पद सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा वह चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर 23 किताबें भी लिख चुके हैं तथा एलर्जी, अस्थमा, टी.बी. एवं कैंसर के क्षेत्र में उनके अब तक लगभग 900 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं साथ ही 2 अंतर्राराष्ट्रीय पेटेन्ट का भी उनके नाम श्रेय जाता है। लगभग 200 एमडी/पीएचडी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन, 50 से अधिक शोध परियोजनाओं का निर्देशन, 22 फैलोशिप, 18 ओरेशन एवार्ड का भी श्रेय उन्हें जाता है। उन्हें अब तक अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा 201 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ. सूर्यकान्त पिछले 25 वर्षों से अधिक समय से अपने लेखों व वार्ताओ एवं टी.वी. व रेडियो एवं इलेक्ट्रानिक/प्रिंट/सोशल मीडिया के माध्यम से लोगो में टी.बी. रोग, अस्थमा, एलर्जी, लंग कैंसर व सांस संबंधी अन्य बीमारियों से बचाव व उपचार के बारे में जागरूकता फैला रहे हैं।
वर्तमान में डा. सूर्यकान्त राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन प्रोग्राम के जोनल टास्क फोर्स (नॉर्थ जोन) के अध्यक्ष हैं। जोनल टास्क फोर्स (नॉर्थ जोन) के अन्तर्गत छह प्रदेश और तीन केन्द्र शासित प्रदेश आते हैं। वह इण्डियन सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ लंग कैंसर के एडवाजरी बोर्ड के मेम्बर भी हैं तथा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना के इन्स्टीट्यूट एवं गवर्निंग बॉडी एवं बोर्ड ऑफ मैनेजमेन्ट, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, जयपुर के सदस्य हैं।
इसके साथ ही चेस्ट रोगों के विशेषज्ञों की राष्ट्रीय संस्थाओं इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, इण्डियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एण्ड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी एवं नेशनल कालेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन (एनसीसीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके साथ ही इण्डियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के मेडिकल साइंस प्रभाग के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं एवं डा. सूर्यकान्त आईएमए, लखनऊ के अध्यक्ष एवं उप्र आईएमए एकेडमी ऑफ मेडिकल स्पेशलिटीज के चेयरमैन रह चुके हैं। आईएमए-एएमएस के राष्ट्रीय वायस चेयरमेन भी रह चुके हैं। वे इंडियन स्टडी अगेंस्ट स्मोकिंग के राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं ।