नई दिल्ली। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद भारतीय क्रिकेट में सबकुछ सही नहीं चल रहा है। हर रोज कई अलग-अलग रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं। अब दिग्गज कमेंटेटर हर्षा भोगले ने बीसीसीआई के सामने नई मांग रखी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बोर्ड को सलाह दिया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) भारतीय टीम के हालिया प्रदर्शन के बाद विदेशी दौरों पर सख्त नियम लागू कर सकता है।
बीसीसीआई के नियम होंगे कितने सफल?
ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों के अपने परिवार के साथ समय बिताने को सीमित करेगा और 45 दिन के दौरे के दौरान परिवार के सदस्य 14 दिन से ज्यादा समय तक उनके साथ नहीं रह सकेंगे। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि भारतीय खिलाड़ियों को अभ्यास और मैचों के दौरान यात्रा के लिए अलग-अलग ट्रांसपोर्ट का उपयोग करने से भी रोक दिया जाएगा। पूरी टीम को एक ही बस में यात्रा करनी पड़ेगी। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा, मुख्य कोच गौतम गंभीर और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर को पिछले शनिवार को मुंबई में बीसीसीआई अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान इस बारे में सूचित किया गया था। हालांकि, क्या इस तरह के नियम से भारतीय क्रिकेट की हालत सुधरेगी? यह तो वक्त ही बताएगा।
कमेंटेटेर हर्षा भोगले ने रखी यह मांग
अब अनुभवी क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले ने इस पर अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने सुझाव दिया है कि बीसीसीआई को इसके बजाय खिलाड़ियों को व्यक्तिगत पीआर (पब्लिक रिलेशन) एजेंसियां रखने से प्रतिबंधित करना चाहिए। भोगले ने कहा, ‘बीसीसीआई भारतीय टीम के लिए जो बदलाव सुझा रहा है फिलहाल मैं उस बारे में पढ़ रहा था। मुझे नहीं पता कि इस पर कितना विश्वास करना है, लेकिन अगर मुझे सख्ती से लागू होने के लिए एक नियम बताना पड़ा, तो यह टीम के सदस्यों को पीआर एजेंसियों से प्रतिबंधित करना होगा।’
भारतीय टीम के प्रदर्शन से नाखुश है बीसीसीआई
ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद रोहित और विराट कोहली जैसे सीनियर खिलाड़ी सीरीज के दौरान बल्ले से खराब प्रदर्शन के बाद सवालों के घेरे में आ गए हैं। रोहित जहां तीन मैचों और पांच पारियों में 6.20 की औसत से सिर्फ 31 रन ही बना पाए, वहीं विराट कोहली ने सीरीज का अंत पांच मैचों में नौ पारियों में 23.75 की औसत से 190 रन बनाकर किया। यहां तक कि मुख्य कोच के रूप में भी गंभीर का भविष्य निश्चित नहीं है। बीसीसीआई फरवरी-मार्च में चैंपियंस ट्रॉफी के बाद उनकी स्थिति पर फैसला कर सकता है।
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