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24 Jun 2025, Tue

शादी से पहले फिजिकल होने की सजा 100 कोड़े, इस मुस्लिम देश में कपल के साथ हैवानियत

दुनिया में इंडोनेशिया एक ऐसी जगह है, जहां युवाओं के लिए काफी सख्त नियम हैं। यहां बनाए नियम कानून इतने सख्त है कि दूसरे देश के लोग इसके बारे में जानकर हैरान रह जाते हैं। इसी देश से एक हैरान करने वाली कहानी लोगों के बीच सामने आई है। इंडोनेशिया में शादी से पहले संबंध करने के आरोप में एक जोड़े को सार्वजनिक रूप से 100 बार कोड़े मारे गए। इस खबर के बाहर आते ही एक बार फिर वहां के शरिया कानून की सख्ती और सार्वजनिक सजाओं को लेकर सारी दुनिया में बहस छिड़ गई है कि कोई कानून इस तरह की सजा आखिर कैसे दे सकता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये सजा बांदा आचेह शहर के एक पार्क में दर्जनों लोगों को खड़ा करके दी गई। आपको जानकर हैरानी होगी कि पुरुष और महिला को रतन की छड़ी से 10-10 के सेट 10 बार बारी-बारी से कोड़े मारे गए। जहां महिला को महिला द्वारा और पुरुष को पुरुष द्वारा कोड़े मारे गए। ऐसा इसलिए किया गया, जिससे शरिया प्रोटोकॉल का पालन किया जा सके और वहां के लोगों में एक खौफ पैदा हो सके। इस तरह की चीजें यहां करना कितना खतरनाक हो सकता है। इसको लेकर जब शहर की मेयर इलिजा सआदुद्दीन जमाल से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हम लोग व्यभिचार (Adultery), शराब पीने और ऑनलाइन जुआ खेलने वालों को ऐसे ही सजा देते हैं ताकि समाज के लिए एक नैतिक एक नैतिक सबक है। यही पश्चाताप की राह बनाता है और यही हमारे कानून द्वारा दी गई सजा है, जो हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों की रक्षा करता है। हैरानी की बात तो ये है कि इस सजा से पहले वहां मेडिकल टीमों को तैनात किया गया, ताकि सजा के दौरान किसी की तबीयत बिगड़े तो तुरंत इलाज मिल सके।
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे चौंका देने वाली चीज ये है कि ये सारी पार्क में पब्लिक के सामने हुआ और किसी ने इसके खिलाफ आवाज तक नहीं उठाई। भीड़ तमाशा देख रही थी, कुछ इसे नैतिक सबक मान रहे थे, तो कुछ मोबाइल में रिकॉर्डिंग कर रहे थे। हालांकि इसको लेकर इससे पहले कई मानवाधिकार समूह ने इसकी आलोचना की है, लेकिन इसके बावजूद, जो इस प्रथा को अपमानजनक और अमानवीय बताते हैं, आचे में सार्वजनिक रूप से कोड़े मारने का व्यापक समर्थन किया जाता है। इससे पहले भी इस तरह की कहानी सामने आ चुकी है।

By Prabhat Pandey

प्रभात पांडेय आर्यावर्तक्रांति दैनिक हिंदी समाचार और दिशा एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक हैं। निष्पक्ष पत्रकारिता, सामाजिक सेवा, शिक्षा और कल्याण के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने वाले प्रभात पांडेय प्रेरणा और सकारात्मकता के प्रतीक हैं।