लेटेस्ट न्यूज़
23 Jun 2025, Mon

‘क्या शिमला समझौता अमेरिकी दबाव में हुआ था? भाजपा का इंदिरा गांधी पर हमला; कांग्रेस का पलटवार

नई दिल्ली, एजेंसी। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को पूर्व पीएम इंदिरा गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी ने अमेरिका के दबाव में भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने एक्स पर राज्यसभा में हुई चर्चा का एक दस्तावेज भी साझा किया। निशिकांत दुबे के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार भी किया। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सवाल दागा कि लौह महिला ने भारत शासित 5000 वर्ग मील क्षेत्र पाकिस्तान को क्यों दिया? 93 हज़ार सैनिक लौटाने के बदले अपने 56 सैनिकों को पाकिस्तान के जेल में क्यों मरवा दिया? निशिकांत दुबे ने कहा कि पूर्व रक्षा मंत्री महावीर त्यागी ने ये सवाल उठाए थे, लेकिन पूर्व भारतीय पीएम इंदिरा गांधी ने इनका कोई जवाब नहीं दिया था।
कांग्रेस ने किया पलटवार
भाजपा सांसद के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि मीडिया एक ढोंगी पर समय क्यों बर्बाद कर रहा है? ये व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के छात्र नहीं बल्कि व्हाट्सएप नर्सरी के छात्र हैं। इनसे कहिए कि पीएमओ जाएं और उनसे शिमला समझौते को बंद करने के लिए कहें। वे समय क्यों बर्बाद कर रहे हैं?
राहुल गांधी पर साधा निशाना
इससे पहले रविवार को निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी अंग्रेजी भाषा को गुलामी की तरह क्यों समर्थन दे रहे हैं? ये वही विचार हैं, जो 1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शामिल थे, जो उनके पिता राजीव गांधी ने पेश की थी। 1986 की नीति में हिंदी को बढ़ावा देने, संस्कृत सिखाने और अंग्रेजी को क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कराने की बात कही गई थी। यही मूलभूत नीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2020 की शिक्षा नीति में भी आगे बढ़ाई गई है। उन्होंने सवाल किया कि जब रूस, चीन, फ्रांस, जापान और कोरिया जैसे देश अपनी भाषाओं पर गर्व करते हैं, तो हम क्यों नहीं? ‘आप गुलामों की तरह अंग्रेज़ी पर क्यों गर्व करते हैं?’ राहुल गांधी ने कहा था कि अंग्रेजी गरीबों के लिए एक मौका है और यह कोई जंजीर नहीं बल्कि एक पुल है।

By Prabhat Pandey

प्रभात पांडेय आर्यावर्तक्रांति दैनिक हिंदी समाचार और दिशा एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक हैं। निष्पक्ष पत्रकारिता, सामाजिक सेवा, शिक्षा और कल्याण के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने वाले प्रभात पांडेय प्रेरणा और सकारात्मकता के प्रतीक हैं।