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17 Jun 2025, Tue

उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जजों को समान औ पूरी पेंशन देने का आदेश, सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में उच्च न्यायालयों के सभी सेवानिवृत्त जजों को पूरी और समान पेंशन देने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जजों की एंट्री और कार्यकाल के आधार पर कोई पक्षपात नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालयों के जजों के साथ इस बात के आधार पर भेदभाव नहीं हो सकता कि वे कब सेवा में शामिल हुए और कब उन्हें बार से न्यायिक सेवा में नियुक्त किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ‘उच्च न्यायालय के सभी सेवानिवृत्त जज, चाहे वो किसी भी तारीख में नियुक्त हुए हों पूर्ण पेंशन पाने के हकदार हैं।’
न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि भारत सरकार को उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीशों को सालाना 15 लाख रुपये की पूरी पेंशन का भुगतान करना होगा।
केंद्र सरकार को उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त जजों को सालाना 13.50 लाख रुपये सालाना पेंशन करना होगा। जो जज एडिश्नल जज के तौर पर सेवानिवृत्त हुए हैं, उन्हें भी जजों के बराबर ही पेंशन मिलेगी।
केंद्र सरकार को उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त जजों के मामले में भी वन रैंक वन पेंशन के सिद्धांत का पालन करना होगा, फिर चाहे जजों की एंट्री का स्त्रोत जिला न्यायलय या बार हो। साथ ही जजों ने कितने ही साल का कार्यकाल बतौर जज पूरा किया हो, सभी को समान पेंशन दी जाए।

By Prabhat Pandey

प्रभात पांडेय आर्यावर्तक्रांति दैनिक हिंदी समाचार और दिशा एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक हैं। निष्पक्ष पत्रकारिता, सामाजिक सेवा, शिक्षा और कल्याण के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने वाले प्रभात पांडेय प्रेरणा और सकारात्मकता के प्रतीक हैं।