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22 May 2025, Thu

मुश्किल में फंसी तृप्ति डिमरी की ‘धड़क 2’? इस वजह से सर्टिफिकेट मिलने में हो रही देरी

पिछले साल सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी की फिल्म ‘धड़क 2’ की घोषणा की गई थी। फिल्म नवंबर 2024 में रिलीज होने वाली थी। हालांकि, बाद में इसे साल 2025 तक के लिए टाल दिया गया। इस बीच चर्चा थी कि यह फिल्म इस साल होली के त्यौहार के आस-पास रिलीज हो सकती है। होली तो नजदीक आ रही है, लेकिन फिल्म का प्रमोशन अभी तक शुरू नहीं हुआ है। बॉलीवुड हंगामा की एक रिपोर्ट के मुताबिक ‘धड़क 2’ को सीबीएफसी से प्रमाणन प्राप्त करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
किस समस्या का करना पड़ रहा सामना?
बॉलीवुड हंगामा की एक रिपोर्ट के अनुसार पोर्टल को एक सूत्र ने बताया, ‘”धड़क 2 जाति के मुद्दों पर आधारित है और एक चौंकाने वाली कहानी है। सीबीएफसी की जांच समिति ने इस तरह की फिल्म के लिए निर्माताओं की सराहना की, लेकिन इसके कंटेंट की वजह से वह इस बात पर विचार कर रहे हैं कि फिल्म को क्या रेटिंग दी जानी चाहिए और कौन से सीन काटे जाने चाहिए, यदि कोई ऐसा सीन हो।’
सेंसर की मंजूरी के बाद शुरू होगा प्रमोशन?
रिपोर्ट्स के मुताबिक एक ट्रेड एक्सपर्ट ने पोर्टल को बताया कि ‘धड़क 2’ के निर्माता सेंसर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही फिल्म का प्रमोशन शुरू करेंगे। इसलिए, अगर उन्हें सीबीएफसी से मंजूरी मिल जाती है, तो ‘धड़क 2’ 14 मार्च को रिलीज हो सकती है या इसके डेट को आगे बढ़ाया जा सकता है।
तमिल वर्जन पास तो ‘धड़क 2’ पर क्यों सवाल?
कहा जा रहा है कि ‘धड़क 2’ तमिल फिल्म ‘परीयेरुम पेरुमल’ का रीमेक है और इस फिल्म को सीबीएफसी के साथ किसी भी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा था। ऐसे में यह सवाल भी उठता है कि इसकी कहानी भी वही होगी तो फिर इस फिल्म पर सवाल क्यों उठ रहे हैं? साल 2018 में रिलीज हुई फिल्म ‘धड़क’ भी इसी विषय पर आधारित थी। जान्हवी कपूर और ईशान खट्टर की फिल्म मराठी फिल्म सैराट की रीमेक थी। फिल्म का मोशन पोस्टर जब रिलीज हुआ था, तो उस पर लिखा था, ‘एक था राजा, एक थी रानी। जात अलग थी खतम कहानी।” इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि फिल्म जातीय मुद्दों पर आधारित होगी।

By Prabhat Pandey

प्रभात पांडेय आर्यावर्तक्रांति दैनिक हिंदी समाचार और दिशा एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक हैं। निष्पक्ष पत्रकारिता, सामाजिक सेवा, शिक्षा और कल्याण के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने वाले प्रभात पांडेय प्रेरणा और सकारात्मकता के प्रतीक हैं।

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