जौनपुर। अतुल सुभाष मामला पूरे देश में छाया हुआ है। जिस तरह से मरने से पहले अतुल ने 23 पन्नों का नोट लिखा और डेढ़ घंटे की वीडियो बनाई, उसे हर कोई हैरान है। 40 लाख रुपये कमाने वाले AI इंजीनियर ने अपनी मौत का जिम्मेदार अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास, साले और जौनपुरी फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक को बताया है। अब इस मामले में अतुल सुभाष के पिता पवन मोदी का दर्द सामने आया है।
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुई अतुल सुभाष की मौत से पूरे देश में सनसनी फैल गई है। मौत को गले लगाने से पहले अतुल सुभाष ने लंबा-चौड़ा वीडियो शेयर किया, 40 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा और फिर खुद को फांसी से लटका लिया। अतुल इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन उन्होंने अपनी मौत का इल्जाम पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके परिवार पर लगाया है। इस पूरे प्रकरण में जौनपुर की जिला जज रीता कौशिक का नाम भी सामने आ रहा है।
क्या है आरोप
अतुल ने सुसाइड से पहले 1 घंटे का वीडियो शेयर किया, जिसमें वो अपनी आपबीती सुनाते दिखाई दे रहे थे। अतुल का आरोप है कि पत्नी ने तलाक के बदले 3 करोड़ की मांग की। जब मामला फैमिली कोर्ट में गया तो कथित तौर पर 5 लाख रुपए की मांग की गई। आखिर में अदालत ने अतुल को मेंटेनेंस के तौर पर 40 हजार रुपए देने का फैसला सुना दिया। अतुल की मौत के बाद से सोशल मीडिया पर पोस्ट की बाढ़ आ गई है। सभी अतुल के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
रीता कौशिक का न्यायिक सफर
रीता कौशिक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की रहने वाली हैं। स्कूली शिक्षा और लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद वो 20 मार्च 1996 में बतौर मुंसिफ न्यायिक सेवा का हिस्सा बनी थीं। 1999 में उन्हें सहारनपुर का जूडिशल मजिस्ट्रेट बनाया गया। 2000 में उनका ट्रांसफर मथुरा हो गया। यहां एडिशनल सिविल जज के रूप में 2 साल तक काम करने के बाद 2003 में रीता कौशिश को अमरोहा का सिविल जज बना दिया गया।
2022 से जौनपुर में कार्यरत
रीता कौशिक यूपी की राजधानी लखनऊ में भी 1 साल तक स्पेशल सीजीएम भी रह चुकी हैं। 2004 में उन्हें प्रमोशन मिला। उन्हें अयोध्या का डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज बना दिया गया। 2018 में रीता कौशिक फैमिली कोर्ट की प्रिंसिपल जज बनीं। 2022 में उनका तबादला जौनपुर हो गया। तब से रीता कौशिक जौनपुर में ही सेवा दे रही हैं।