लेटेस्ट न्यूज़
7 Nov 2024, Thu

J&K कैबिनेट से राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
आधिकारिक सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार को कैबिनेट की पहली बैठक में जम्मू-कश्मीर मंत्रिमंडल ने केंद्रीय सरकार से राज्य का दर्जा बहाल करने की अपील की। सूत्रों की मानें तो प्रस्ताव का मसौदा तैयार कर लिया गया है और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला आने वाले दिनों में दिल्ली आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह मसौदा सौंपेंगे।
बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने की, जिसमें उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी और मंत्री सकीना मसूद इटू, जावेद अहमद राणा, जावेद अहमद डार और सतीश शर्मा शामिल हुए।
जेकेपीसीसी (जेके प्रदेश कांग्रेस कमेटी ) अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने पत्रकारों से कहा कि हमारी पार्टी तब तक जम्मू-कश्मीर मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी, जब तक कि राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भरोसा जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करेगी। उन्होंने कहा कि हमने पहले भी इस बारे में बात की है और आज भी सुप्रीम कोर्ट ने दो महीने के भीतर राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई करने पर सहमति जताई है। मुझे यकीन है कि भारत सरकार जल्द ही इसे बहाल करेगी।
जब उनसे पूछा गया कि क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस अनुच्छेद 370 का मुद्दा उठाएगी या विधानसभा में इसके खिलाफ कोई प्रस्ताव पास करेगी, तो अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें अपनी दलीलें पेश करने के लिए अदालत में वापस लौटना होगा।
लाल चौक का दौरा करते समय, अब्दुल्ला ने कहा कि सड़कों पर कोई वीआईपी संस्कृति नहीं होगी और लोगों को सायरन की आवाज से राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि यहां पर कोई वीआईपी नहीं है, चाहे वह स्थानीय हों या राजनीतिज्ञ, सभी समान हैं।
आपको बताते चलें कि जम्मू-कश्मीर का पूर्व राज्य दर्जा 2019 में खत्म हो गया था। 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू कश्मीर दो संघ शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *