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22 May 2025, Thu

हमास से लड़ते-लड़ते इजराइल में हो गई सैनिकों की कमी, नागरिकों को फौज में रखना के लिए नया कानून

गाजा, एजेंसी। गाजा युद्ध की शुरुआत के बाद इजराइल अपनी सेना में सैनिकों की कमी से जूंझ रहा है। पिछले 18 महीनों से जारी गाजा युद्ध में इजराइल सेना अभी तक अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकी है। इजराइल सेना हमास से न बंधकों को रिहा करा पाई और न ही हमास का खात्मा ही हुआ है। अब इजराइल रक्षा बलों (IDF) ने ऐलान किया है कि वह बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों और जनशक्ति की कमी के कारण अनिवार्य सैन्य सेवा का विस्तार किया जाएगा।
इजराइल के कानून के हिसाब से इजराइल के हर नागरिक को 2 साल से ज्यादा सेना में सेवा देना अनिवार्य है। सेना ने इसी अवधि को चार महीने और बढ़ाकर तीन साल कर दिया है। इन अतिरिक्त महीनों को रिजर्व ड्यूटी के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा, जिससे सैनिक कुल तीन साल की सेवा पूरी कर सकेंगे। इसके अलावा IDF ने अपने सैनिकों की छुट्टियों को भी निलंबित करने का फैसला किया है।
इजराइल सेना ने ये फैसला गाजा में महीनों से चल रही जंग के बाद लिया है। जिसमें इजराइल सेना हमास के खिलाफ कई चुनौतियों का सामना कर रही है। इसके पीछे IDF का मकसद रिजर्व बलों पर दबाव कम करना है, जिनमें से कुछ को लंबे समय तक सेवा करने के लिए बुलाया गया है, जिससे उनके वित्त और परिवारों पर दबाव बढ़ रहा है।
पहले भी हुई थी सेवा बढ़ाने की मांग
इजराइल सरकार ने पहले अनिवार्य फौज सेवा को मौजूदा दो साल और आठ महीने से बढ़ाकर तीन साल करने का कानून पारित करने का प्रयास किया था। हालांकि, इस विधेयक को गठबंधन के अति-रूढ़िवादी सदस्यों के विरोध का सामना करना पड़ा, जिन्होंने अपने मतदाताओं के लिए सैन्य सेवा से छूट की मांग की है।

By Prabhat Pandey

प्रभात पांडेय आर्यावर्तक्रांति दैनिक हिंदी समाचार और दिशा एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक हैं। निष्पक्ष पत्रकारिता, सामाजिक सेवा, शिक्षा और कल्याण के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने वाले प्रभात पांडेय प्रेरणा और सकारात्मकता के प्रतीक हैं।

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