लेटेस्ट न्यूज़
6 Dec 2024, Fri

उत्तर प्रदेश में उतरेगी देश-विदेश की लोक संस्कृति

बिरसा मुंडा की जयंती (जनजातीय गौरव दिवस) पर 15से 20 नवंबर तक अंतरराष्ट्रीय जनजाति भागीदारी उत्सव मनाएगी योगी सरकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे शुभारंभ, स्लोवाकिया व वियतनाम के कलाकारों की संस्कृति से भी रूबरू होंगे प्रदेशवासी

बुक्सा, सहरिया जनजाति, भुंजिया आदिवासी नृत्य तो जनजाति लोकवाद्यों का भी होगा मंचीय प्रदर्शन

15 नवंबर को 11 बजे से निकलेगी सांस्कृतिक समागम शोभायात्रा, जननायक बिरसा मुंडा के जीवन पर आधारित नाट्य प्रस्तुति करेंगे मध्य प्रदेश के कलाकार

छत्तीसगढ़, राजस्थान, ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, सिक्किम, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल समेत देश के अनेक प्रांतों के कलाकारों को मंच उपलब्ध कराएगी योगी सरकार

लखनऊ। योगी सरकार बिरसा मुंडा की जयंती (जनजातीय गौरव दिवस) पर 15 से 20 नवंबर तक अंतरराष्ट्रीय जनजाति भागीदारी उत्सव मनाएगी। इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। इस दौरान उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में मेजबान राज्य समेत देश-विदेश की लोकसंस्कृति उतरेगी। उद्घाटन समारोह के उपरांत 11 बजे से सांस्कृतिक समागम शोभायात्रा भी निकलेगी, जिसमें मेजबान उत्तर प्रदेश समेत अनेक राज्यों के कलाकार शामिल होंगे। प्रतिदिन शाम पांच से रात्रि 9 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। इसमें सहरिया, बुक्सा आदि जनजाति के लोकनृत्य का भी अवलोकन किया जा सकेगा तो वहीं दूसरी तरफ जनजाति लोकवाद्यों को भी मंचीय प्रदर्शन होगा। पोथी घर में जनजाति पुस्तकों का भी अवलोकन कर सकेंगे।

20 से अधिक प्रांत और दो देशों के कलाकारों को मंच देगी योगी सरकार
छह दिवसीय कार्यक्रम में योगी सरकार 20 से अधिक प्रांत के कलाकारों को मंच देगी। इसमें मेजबान उत्तर प्रदेश समेत जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, सिक्किम, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, मिजोरम, हिमाचल प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल, गोवा, असम, त्रिपुरा, पंजाब, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं। वहीं स्लोवाकिया व वियतनाम के लोक कलाकारों द्वारा भी विशेष प्रदर्शन किया जाएगा।

15 नवंबर को निकलेगी सांस्कृतिक समागम शोभायात्रा
15 नवंबर को उद्घाटन समारोह के उपरांत 11 बजे से सांस्कृतिक समागम शोभायात्रा निकलेगी। इसमें जम्मू-कश्मीर के मोंगो नृत्य- बकरवाल, राजस्थान के तेरहताली नृत्य, लंगा/मांगणियार गायन, सिक्किम के सिंघी छम नृत्य, कर्नाटक के फुगड़ी/सिद्धि नृत्य, ओडिशा का घुड़का नृत्य, मध्य प्रदेश के रमढोल नृत्य, महाराष्ट्र के सांगी मुखौटे नृत्य, छत्तीसगढ़ के माटी मांदरी के जरिए अन्य प्रांतों के कलाकारों को उत्तर प्रदेश में मंच मिलेगा। वहीं मेजबान उत्तर प्रदेश के कलाकार चंगेली नृत्य, नगमतिया, बीन बादन, कठपुतली का मंचीय प्रदर्शन करेंगे।

पोथी घर में जनजाति पुस्तकों का कर सकेंगे अवलोकन
कार्यक्रम के दौरान पोथी घर में जनजाति से जुड़ी पुस्तकों का भी अवलोकन कर वहां के रहन-सहन, खान-पान, संस्कृति के बारे में भी जान सकेंगे। 16 से 20 नवंबर तक अनेक प्रांतों के लोकनृत्य/लोकगीतों से जुड़े कार्यक्रम अनवरत चलते रहेंगे। दोपहर 12 बजे से विमर्श भी होगा। 16 को क्रांतिकारी बिरसा मुंडा का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, 17 को जनजाति शिक्षा व स्वास्थ्य-जागरूकता व समाधान पर विमर्श कार्यक्रम होगा। 18 को ‘लोकल से ग्लोबल तक’ जनजातियों में उद्यमिता विकास की संभावनाएं तक विमर्श होगा। 19 को इसका विषय जनजाति विरासत संरक्षण व संवर्धन है। 20 को जनजाति विकास में गैर सरकारी संस्थाओं की भूमिका पर विमर्श होगा।

जनजाति लोकवाद्यों का भी करेंगे दीदार, देसी व्यंजनों का स्वाद भी करेगा आकर्षित
19-20 नवंबर को मध्य प्रदेश की टीम की तरफ से जननायक बिरसा मुंडा के जीवन पर आधारित नाटक की प्रस्तुति होगी। जनजाति लोकवाद्यों का मंचीय प्रदर्शन भी होगा। बुक्सा, सहरिया जनजाति, त्रिपुरा के हौजागिरी नृत्य, छत्तीसगढ़ के भुंजिया आदिवासी लोकनृत्य का भी आनंद उठा सकेंगे। 20 नवंबर को जनजाति कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा। जादू के भी कार्यक्रम होंगे। आयोजन में देसी व्यंजनों का स्वाद भी आकर्षित करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *